
🟥 विशेष रिपोर्ट | वंदे भारत ट्रेन में झरनों की सुविधा! ट्रेन नहीं, अब “स्नानयात्रा एक्सप्रेस” बनी वंदे भारत 🟥
यात्रियों को सीट पर ही मिल रही ‘बाथिंग एक्सपीरियंस’, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो, ‘ओजस्वी मार्गदर्शन’ में रेल विकास की नई गाथा?
रिपोर्टर: एलिक सिंह | संपादक – वंदे भारत LIVE TV न्यूज़
उत्तर प्रदेश महामंत्री – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद | संपर्क: 8217554083
नई दिल्ली/लखनऊ।
जहाँ एक ओर केंद्र सरकार वंदे भारत ट्रेन को ‘विश्व स्तरीय सुविधा’ और ‘मॉडर्न इंडिया’ का प्रतीक बताती है, वहीं दूसरी ओर ट्रेन में अचानक शुरू हुआ ‘जल प्रवाह’ यात्रियों को भीगा भी गया और सोचने पर भी मजबूर कर गया।
हाल ही में सामने आए एक वीडियो में वंदे भारत ट्रेन के अंदर सीटों के ऊपर से पानी टपकता हुआ दिखाई दे रहा है। यात्री सीट छोड़कर इधर-उधर भागते नजर आ रहे हैं। कुछ ने चुटकी ली —
“धन्य हैं हम, अब सफर के साथ-साथ स्नान का भी आनंद!”
🚿 “अब ट्रेन में नहीं जाना पड़ेगा बाथरूम – छत से ही मिलेगा झरना अनुभव”
वंदे भारत की इस अनोखी ‘वॉटरफॉल सुविधा’ ने सोशल मीडिया पर बाढ़ ला दी है। ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या यही है विश्वस्तरीय विकास?
एक यूज़र ने तंज कसते हुए लिखा —
“अब ट्रेन में AC के साथ रेन शावर भी मिलेगा, धन्यवाद रेलवे!”
🧱 सब ‘उनके’ ओजस्वी मार्गदर्शन में ही संभव हुआ है…
भक्तजन और कटाक्षकार दोनों तरह के लोगों ने इसे राजनीतिक रूप भी दे दिया है। एक तरफ लिखा गया:
“जिस देश में गंगा भी मां है, वहाँ ट्रेन में झरना तो भक्ति का अनुभव है।”
तो दूसरी तरफ यह भी लिखा गया —
“2025 में अगर हाई-टेक ट्रेनें भी पानी से जूझ रही हैं, तो ‘डबल इंजन’ की असली ताक़त क्या है?”
🚆 वंदे भारत ट्रेन: टेक्नोलॉजी का चमत्कार या लीकेज का प्रकोप?
रेलवे अधिकारियों की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन प्राथमिक जानकारी के अनुसार ट्रेन की एसी डक्ट से पानी टपकने की बात कही जा रही है। कुछ यात्रियों का कहना है कि यह लीकेज नई कोचों में निर्माण स्तर की खामी को दर्शाता है।
📣 यात्रियों की प्रतिक्रियाएं:
“इतना एक्सप्रेस अनुभव कहीं नहीं देखा!”
“लगता है IRCTC ने अब जलस्पर्श सेवा शुरू कर दी है।”
“गर्मियों में राहत हो सकती है, पर मानसून में?”
📌 मुद्दा सिर्फ पानी नहीं, भरोसे का है
भारत सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर वंदे भारत जैसी हाई-फाई ट्रेन सेवा शुरू कर रही है, लेकिन अगर ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहीं, तो यह केवल ट्रेन की नहीं, पूरे सिस्टम की साख पर सवाल खड़े करती हैं।
✊ अब देश पूछ रहा है:
क्या लीकेज वाली ट्रेन ही “Make in India” का चेहरा है?
क्या यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के दावे सिर्फ कागज़ी हैं?
क्या जिम्मेदार अधिकारी जवाब देंगे या सब पानी में बह जाएगा?
🖊️ रिपोर्टर: एलिक सिंह
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